ट्रंप-पुतिन अलास्का समिट:( Donald Trump Putin Summit 2025)

ट्रंप-पुतिन अलास्का समिट: यूक्रेन युद्ध शांति समझौता.
यूक्रेन युद्ध खत्म करने की जमीनी हकीकत पर होगी पहली बड़ी बातचीतअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया है कि इस शुक्रवार अलास्का में होने वाली उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात का मकसद यूक्रेन युद्ध खत्म करने की संभावनाओं को टटोलना है।
हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि अंतिम शांति समझौते के लिए आगे और मुलाकातें जरूरी होंगी।व्हाइट हाउस में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा – “मुझे लगता है ये अच्छा होगा, लेकिन ये बुरा भी हो सकता है।”
उन्होंने दावा किया कि शुक्रवार की बैठक में महज दो मिनट में उन्हें अंदाजा हो जाएगा कि शांति समझौता संभव है या नहीं।ट्रंप ने संकेत दिया कि इस समिट में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की शामिल नहीं होंगे, लेकिन वे बैठक के तुरंत बाद जेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेताओं को फोन कर पूरी जानकारी देंगे।
उनका मकसद पुतिन और जेलेंस्की को आमने-सामने बैठाकर समाधान निकालना है, जो संभवतः कुछ “जमीन के आदान-प्रदान” के साथ होगा।> “मैं कोई डील नहीं करने जा रहा, ये दोनों के बीच की बात है,” ट्रंप ने कहा।समिट की तैयारियां तेजअमेरिकी प्रशासन शुक्रवार की इस ऐतिहासिक बैठक के लिए ज़ोर-शोर से तैयारियां कर रहा है।
चार दिन बाकी हैं और अभी तक बैठक का स्थान तय नहीं हुआ है। अलास्का को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह वॉशिंगटन और मॉस्को के बीच भौगोलिक रूप से संतुलित है।यूरोपीय नेताओं को भी सप्ताहांत में ब्रीफ किया गया, लेकिन ट्रंप के सोमवार के बयानों से ही बैठक का असली एजेंडा सामने आया।
उन्होंने कहा – “अगर पुतिन का प्रस्ताव ठीक लगा तो मैं इसे यूरोपीय यूनियन, NATO नेताओं और जेलेंस्की के सामने रखूंगा।”NATO महासचिव मार्क रुटे ने इसे “पुतिन की गंभीरता की परीक्षा” बताया और कहा कि यह युद्ध खत्म करने की दिशा में अहम कदम हो सकता है।
सख्त रुख जेलेंस्की ने सोमवार को चेतावनी दी कि रूस को रियायतें देने से युद्ध नहीं रुकेगा और मॉस्को पर और कड़ा दबाव बनाना होगा। उन्होंने कहा – “कातिल को रियायतें नहीं, बल्कि मजबूत जवाब रोकता है।”यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि अगर ट्रंप बुलाते हैं तो जेलेंस्की अलास्का आने को तैयार हैं, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि ट्रंप-पुतिन बैठक में क्या निकलता है।
पुतिन का प्रस्ताव और विवादित ‘लैंड स्वैप’पिछले हफ्ते ट्रंप के दूत से मुलाकात में पुतिन ने जो प्रस्ताव रखा, उसके मुताबिक यूक्रेन को पूर्वी डोनबास क्षेत्र रूस को सौंपना होगा। यूरोपीय नेता चाहते हैं कि अगर ऐसा होता है तो रूस अन्य कब्जे वाले इलाकों से पीछे हटे और सबसे पहले युद्धविराम लागू हो।
ट्रंप ने कहा – “कुछ जमीन का आदान-प्रदान होगा, कुछ बदलाव होंगे, लेकिन ये बहुत जटिल है।”यूरोपीय नेताओं का मानना है कि यूक्रेन के भविष्य पर कोई भी फैसला उसी की मौजूदगी में होना चाहिए।—अगर आप चाहें तो मैं इसके लिए एक वायरल सोशल मीडिया कैप्शन और थंबनेल टेक्स्ट भी बना सकता हूँ, ताकि ये खबर ऑनलाइन ज्यादा ध्यान खींचे।
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